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जनकृति अंतरराष्ट्रीय पत्रिका का नवीन अंक प्रकाशित


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विषय सूची




साहित्यिक विमर्श  (कविता, नवगीत, कहानी, लघु-कथा, व्यंग्य, ग़ज़ल, संस्मरण, आत्मकथा, पुस्तक समीक्षा, आप बीती, किस्से कलम के)
कविता
अनिल अनलहातु, अंजू जिंदल, डॉ. प्रमोद पाण्डेय, डॉ. पुष्पलता, दुर्गेश वर्मा, गरिमा कांसकर, गौरव गुप्ता, पूजा, पुरुषोत्तम व्यास, राजकुमार जैन, सत्या श्याम ‘कीर्ति’, शशांक पाण्डेय, सुबोध श्रीवास्तव

ग़ज़ल
टिकेश्वर प्रसाद जंघेल, विश्वंभर पाण्डेय ‘व्यग्र’

कहानी
·       लेन-देन (सिंधी कहानी)[मूल- मोतीलाल जोतवानी, अनुवाद- देवी नागरानी]
·       बदलता परिवेश: राजेश कुमार ‘मांझी’
·       वो उर्दू वाली गर्ल: शक्ति सार्थ्य

लघुकथा
·       आस्था का किनारा: अरुण गौड़
·       पहचान: विजयानंद विजय
पुस्तक  समीक्षा
·       आईना-दर-आईना[डी.एम.मिश्र]:समीक्षक: अनिरुद्ध सिन्हा
·       जमाने में हम [आत्मकथा: निर्मला जैन]: एक जमाना ऐसा भी रहा- समीक्षक: एमरेन्सिया खालखो
·       एक और आवाज़: मनीषा

व्यंग्य
·       नागनाथ सांपनाथ का चुनावी उत्सव: एम.एम.चंद्रा
·       संसद में अद्भुत दलित चिंतन: ओमवीर करण
·       धर्मवीर कर्मवीर से लेकर बयानवीर तक: राकेश वीरकमल

हाईकू
·       आनंद बाला शर्मा


कला- विमर्श
·       मिथिला के लोकगीत में प्रतिबिंबित मैथली स्त्री के स्वर: प्रियंका कुमारी
·       हिंदी सिनेमा में पारिवारिक मूल्य: निर्मल सुवासिया
·       सार्थक, समानांतर या कलात्मक सिनेमा: इदरीस खत्री
·       पंडवानी की वैदमती और कापालिक शैलियों का नया अध्ययन: पूजा रानी
·       रोमां सियाम हिप-हॉप बैंड: रोमां संस्कृति के रक्षक [मूल आलेख: डॉ. ऐना सात्येल्या]: अनुवाद: लतिका चावड़ा

मीडिया- विमर्श
·       मालवांचल की हिंदी पत्रकारिता की विकास यात्रा और पं. सूर्यनारायण व्यास: डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा
·       आपातकाल में लघु पत्रिकाओं की भूमिका: एक विश्लेषण- निकिता जैन
·       मीडिया में हिंदी: पवन कुमार


दलित एवं आदिवासी- विमर्श
·       कोयतूर/गोंड, दोरला और बैगा आदिवासियों के संघर्षों के संदर्भ में मुद्दे, भिन्न संघर्षों के रूप और आयामों में भिन्नता-एक अवलोकन: तुषार कांति
·       अरुणाचल की अपातानी जनजाति की जीवन शैली और लोकव्यवहार: वीरेन्द्र परमार
·       आदिवासी जीवन का संत्रास: ग्लोबल गाँव का देवता’- चरंजीलाल
·       आदिवासी समाज और समकालीन हिंदी कहानी: दीप प्रकाश
·       समकालीन हिंदी दलित कविता का यथार्थवादी पक्ष: शिराजोदीन
·       प्रो. तुलसीराम की आत्मकथा मुर्दहिया का सामाजिक विश्लेषण: प्रदीप कुमार

स्त्री- विमर्श
·       बौद्ध धर्म और थेरी गाथाएं- स्त्री मुक्ति का युगांतकारी दस्तावेज: डॉ. हर्ष बाला शर्मा
·       भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका: सुबोध कुमार गुप्ता
·       मेहरुन्निसा परवेज़ की कहानियों में आदिवासी स्त्री: आरती
·       वैदिक साहित्य में स्त्री महिमामंडन का सच: चित्रलेखा अंशु
·       ‘स्त्री-मुक्ति की राहें’ सपने और हकीकत: डॉ. रामचंद्र पाण्डेय
·       स्त्री मुक्ति का भारतीय एवं पाश्चात्य संदर्भ: मनीश कुमार शुक्ला
·       ‘धूल पौधों पर’: नारी संघर्ष- मुख्त्यार सिंह
·       भूमंडलीकरण और स्त्री विमर्श: पूजा तिवारी
·       लोकगीत में व्यक्त नारी की अंतर्वेदना: प्रेरणा जानी ‘प्रीत’

बाल- विमर्श
·       जयनंदन की रचनाओं में बाल-पात्र: डॉ. गोपाल प्रसाद

भाषिक- विमर्श
·       राजभाषा हिंदी: समृद्ध इतिहास और भावी चुनौतियाँ: डॉ. के. आर. महिया एवं डॉ. विमलेश शर्मा
·       साहित्य में भाषा शिक्षण की उपादेयता: डॉ. धीरेन्द्र सिंह
·       खड़ी बोली हिंदी के विकास में फोर्ट विलियम कॉलेज का योगदान: डॉ. शिप्रा किरण
·       आधुनिक समय में भाषा का महत्त्व: प्रो. रीना ढिल्लो
·       राष्ट्रभाषा हिंदी और जनपदीय बोलियाँ: सुरेखा शर्मा

शिक्षा- विमर्श
·       भूमंडलीकरण और भारतीय भाषा शिक्षण: मनीष खारी
·       पढ़-लिखकर बीरबल होने से बेहतर है, न पढ़कर अकबर होना: राजीव कुमार

समसामयिक विषय
·       शांति और सुरक्षा की चुनौतियाँ (भारत के माओवाद प्रभावित राज्यों का एक अध्ययन) : अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी
·       पानी के लिए हथियार नहीं, हाथ बढ़ाइए: मनोज कुमार
·       इस खूबसूरत गृह को बचाना ही होगा (पर्यावरण चिंतन): संदीप तोमर
·       गंदी बस्ती: विकास को मुंह चिढाती झुग्गियां: निष्ठा प्रवाह
·       समकालीन कविता के सरोकार: बृजेश नीरज

शोध आलेख
·       राजेश जोशी की कहानियों में मध्यवर्ग (संदर्भ ‘मेरी चुनिंदा कहानी’): प्रियंका गुप्ता
·       अमरकांत की कहानी कला और मध्यवर्ग: पीयूष राज
·       ‘मैं पायल’: किन्नर जीवन की व्यथा, विस्थापन और संघर्ष का दस्तावेज: पार्वती कुमारी
·       पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण और जैनेंद्र (विशेष संदर्भ-‘पत्नी’ कहानी): आदित्य कुमार गिरि
·       ECR श्रेणी के प्रवासित श्रमिकों हेतु भारत सरकार के कार्यक्रमों का समीक्षात्मक अध्ययन: अखिलेश कुमार सिंह
·       साहित्य और सत्ता का संबंध: आलोक कुमार यादव
·       साहित्य के अध्ययन में तुलनात्मक साहित्य की भूमिका: अमृत कुमार
·       ‘स्वर्ग विराग’ कश्मीर के दर्द को दर्शाती कविताएं: अमतुल राबिया
·       महात्मा गाँधी की दृष्टि में स्त्री: आशीष कुमार
·       भूमंडलीकरण के दौर के हिंदी उपन्यासों में मूल्य संक्रमण: भानु प्रताप प्रजापति
·       भक्ति आंदोलन में वैश्विक एकता के सूत्र: भारती
·       पर्यटन के सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकार ‘किन्नर देश में’: डॉ. स्नेहलता नेगी
·       मेवात की सांस्कृतिक झलक: डॉ. रूपा सिंह
·       ‘महामिलन’ उपन्यास में चित्रित यथार्थ: कुलदीप
·       हिंदी काव्य में सामाजिक स्वरूप का प्रतिबिम्ब: नीरज कुमार सिन्हा
·       विसंगातिबोध के कहानीकार अमरकांत: प्रदीप त्रिपाठी
·       कबीर का सौन्दर्यबोध और परिष्कृत समाज: राकेश डबरिया
·       विमर्शों के आलोक में शिवमूर्ति का साहित्य: रहीम मियाँ
·       दक्षिण भारत में हिंदी और लोक साहित्य: डॉ. उर्मिला पोरवाल

साक्षात्कार
·       मैत्रयी पुष्पा जी से डॉ. वंदना कुमार एवं राजेन्द्र कुमार की बातचीत
·       श्री रामगोपाल भारतीय जी से देवी नागरानी की बातचीत (दलित साहित्य के यक्ष प्रश्न)
·       युवा व्यंग्यकार आरिफा एविस से वरिष्ठ व्यंग्यकार अनूप शुक्ल की बातचीत

अनुवाद
·       भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में अनुवाद की भूमिका: डॉ. मंजुश्री मैनन
·       अनावृत उरोज (अनुदित इतावली कहानी)(मूल लेखक: इतैलो कैलविनो): अनुवादक: सुशांत सुप्रिय

नव-लेखन
·       आयरलैंड का अंग्रेजी साहित्य: शैलेन्द्र चौहान
·       सभ्यता और संस्कृति की दृष्टि से उत्तराखंड का अवलोकन: डॉ. बसुन्धरा उपाध्याय
·       भूमंडलीकरण और उपन्यास: पार्वती भगवान राव देशपांडे
·       फैंटेसी की अभिनव भूमिका: भरत प्रसाद


आवरण चित्र: सौरभ जखमोला 
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